EPFO News जैसे-जैसे दिवाली का त्योहार करीब आ रहा है, पेंशनधारकों को अपनी मासिक पेंशन में इज़ाफ़े की उम्मीद बढ़ती जा रही है। खासतौर पर ईपीएस-95 (कर्मचारी पेंशन योजना 1995) के तहत दी जा रही न्यूनतम पेंशन, जो वर्तमान में ₹1,000 प्रतिमाह है, उसे बढ़ाने की लंबे समय से मांग की जा रही है। मौजूदा समय में बढ़ती महंगाई और जीवन यापन की बढ़ती लागत को देखते हुए यह संशोधन पेंशनभोगियों के लिए एक अहम राहत बन सकता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, EPFO का सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) आगामी 10 और 11 अक्टूबर को बेंगलुरु में बैठक कर सकता है। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय श्रम मंत्री कर सकते हैं, जिसमें न्यूनतम पेंशन में संभावित बढ़ोतरी, ईपीएफ और ईपीएस खातों से जुड़े सुधार और अन्य आर्थिक निर्णयों पर विचार किया जाएगा।
मिनिमम पेंशन में बंपर बढ़त
कई ट्रेड यूनियन लंबे समय से यह मांग कर रही हैं कि EPS-95 योजना के तहत न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर ₹7,000 प्रति माह किया जाए। हालांकि, फिलहाल जो संभावना जताई जा रही है, उसके अनुसार नई न्यूनतम पेंशन करीब ₹2,500 प्रति माह तय की जा सकती है। यह संशोधन पेंशनधारकों के लिए राहतभरा कदम होगा, वहीं सरकार के लिए भी इसे लागू करना व्यावहारिक माना जा रहा है।
अगर यह प्रस्ताव प्रभावी होता है, तो मौजूदा न्यूनतम पेंशन पाने वाले लाभार्थियों की मासिक आमदनी ढाई गुना तक बढ़ जाएगी। यह फायदा विशेष रूप से उन पेंशनर्स को मिलेगा जो अभी केवल ₹1,000 की न्यूनतम पेंशन पर निर्भर हैं। वहीं, पहले से अधिक पेंशन पाने वालों की राशि पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
EPS-95 योजना की विवरण
EPS-95 (कर्मचारी पेंशन योजना 1995) एक सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसमें कर्मचारी के वेतन का एक हिस्सा (8.33%) नियोक्ता द्वारा पेंशन फंड में जमा किया जाता है, और सरकार भी इसमें मदद के तौर पर 1.16% का योगदान देती है, जो अधिकतम ₹15,000 मासिक वेतन तक सीमित है। इस योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को एक निश्चित न्यूनतम पेंशन मिलती रहे, भले ही फंड में जमा राशि या उस पर मिलने वाला रिटर्न कम क्यों न हो।
हर साल जब इस फंड का लेखा-जोखा किया जाता है, तो यह पाया गया है कि इसमें भविष्य की जरूरतों के अनुसार पर्याप्त पूंजी नहीं है। इसे अक्टुरियल घाटा कहा जाता है – यानी, जितना पेंशन देने का वादा किया गया है, उतनी रकम फंड में नहीं है। ऐसे में सरकार न्यूनतम पेंशन देकर इस कमी को पूरा करती है, ताकि पेंशनभोगियों की आय प्रभावित न हो।
पेंशनर हेतु प्रभाव का अनुमान
यदि न्यूनतम पेंशन ₹2,500 की जाती है, तो इससे पेंशनधारकों को बेहतर आर्थिक सहारा मिलेगा।यह कदम महंगाई और रोजमर्रा की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए सरकार की ओर से एक अच्छी पहल मानी जाएगी। हालांकि, इस बढ़ोतरी को तुरंत लागू करना संभव नहीं हो सकता और इसे धीरे-धीरे, चरणों में लागू किया जा सकता है।